मित्रों आप सभी को बताने जा रहे हैं कि दुरदुरिया पूजा क्या होता है और दुरदुरिया पूजा कितनी तरह की होती है और घर पर आप दुरदुरिया पूजा कैसे करें,साथ ही इस पूजा मे हम अवसान माता ,चटपटा माता,संकटा माता ,तुरंता माता की पूजा के बारे मे बताएगे /
देखे मित्रों जो दुरदुरिया पूजा होती है वह बहुत ही साधारण पूजा होती है जिसको सुहागिन औरत मिलकर करती हैं इसमें कुछ सुहागिन औरत होती है ,जैसे आपको पता होगा कि दुरदुरिया कीअलग -अलग पूजा में अलग-अलग संख्या में सुहागिन होती हैं
दुरदुरिया पूजा कैसे करें || Durduriya Pooja Samagri & Vidhi |
नमस्कार मित्रों मै तारा तिवारी आप सभी का इस पोस्ट में स्वागत है
दुरदुरिया पूजा की शरुआत कैसे हुई –
मित्रों दुरदुरिया पूजा की शुरुआत के बारे में ऐसा मानना है कि जब राजा दशरथ भगवान श्री राम और साथ उनके अन्य सभी भाइयों का विवाह करके जब वापस आए थे तो उन्होंने अपने नगर की सभी सुहागिन औरतों को बुलाकर दुरदुरिया पूजा की थी
और तभी से यह प्रचलन शुरू हो गया है जब लोग बेटे की शादी या बेटी की शादी या इत्यादि शुभ कार्य करते हैं तो उसके पहले और उसके उपरांत यह दुरदुरिया पूजा करते है अवसान माता की पूजा, चटपट माता की पूजा ,या फिर तुरंत आ माता की पूजा और या फिर संकटा माता की पूजा यह सब करवाते हैं
जिन लोगों को जिस चीज में श्रद्धा होती है वह वैसे ही माता की पूजा करते हैं और वैसा ही फल प्राप्त करते हैं
मित्रों अब आप सभी को हम बताने जा रहे हैं कि दुरदुरिया पूजा में होता क्या है और यह कितनी तरह की होती है और किन किन जगहों पर यह किन किन नामों से जाना जाता है
दुरदुरिया पूजा कई प्रकार की होती है
1) अवसान माता की पूजा कैसे की जाती है–
मित्रों हम बता दें कि अवसान माता, मां दुर्गा का ही स्वरूप है सुहागिनी इनकी पूजा बड़ी भक्ति भाव से करती हैं तो शखियों अवसान माता को भी कई नामों से जाना जाता है जैसा कि आस माता ,अवसानी माता,अवसान बीबी इत्यादि नामों से जाना जाता है और यह पूजा भी सखियों दुरदुरिया पूजा के अंदर ही आती है कई लोग दुरदुरिया पूजा को दुरकाइयाँ पूजा भी कहते हैं
अगर आपको यहां पर नहीं समझ में आया कि अवसान माता की पूजा कैसे करें तब आप नीचे क्लिक करके अवसान माता से जुड़ी हुई सारी चीजें आप देख सकते हैं इस पर हमने आप लोगों के लिए पहले ही पोस्ट लिख दिया है
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2) चटपटा माता की पूजा कैसे की जाती है–
मित्रों हम बता दें, इसी प्रकार से चटपटा माता को भी लोग कई नामों से पुकारते हैं जैसे कुछ लोग चटपटा माता को चट माता, चटपट माता ,झटपट माता, झट माता के नाम से पुकारते हैं यह नाम इस तरह से इसलिए पड़ा क्योंकि झटपट माता जो है अपने भक्तों के संकट को चटपट ,झटपट,चट से ही दूर कर देती हैं
इस पूजा बस केवल अंतर इतना है जहां अवसान माता की पूजा सामग्री में लाइ चना गुड़ प्रसाद मिलता है वहां पर चटपटा माता की पूजा में पेड़े या फिर बर्फी का प्रसाद दिया जाता है
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3) संकटा माता की पूजा कैसे की जाती है —
संकटा माता की पूजा को भी लोग दुरदुरिया पूजा ही कहते हैं दुरदुरिया पूजा का मतलब हमने बता दिया है जिसमें औरतें एक आसन के चारों ओर घेरा बनाकर माता की पूजा करती हैं और साथ में प्रसाद चबाती खाती हैं
संकटा माता को भी लोग अलग-अलग नामों से जानते हैं जैसा कि आपको पता है संकटा माता है कश्मीरियों की कुलदेवी के रूप में जानी जाती हैं संकटा माता को ही लोग संकटिया माता , खीर भवानी,राज्ञा देवी इत्यादि नामों से पुकारते हैं संकटा माता भी अपने भक्तों के संकट को क्षण मे ही दूर कर देती हैं
संकटा माता की पूजा 11 औरतों के साथ की जाती है जिसमे 9 सुहागिन, एक विधवा ,एक कन्या होती है केवल अंतर इस पूजा में इतना है कि जहां पर और सभी पूजा में कहीं बर्फी कही लाई चना प्रसाद मे चढ़ा वही पर इस पूजा मे चावल का आटा जिसे आप भून लेंगे उसके बाद चीनी ,खोवा, गरी ,छुहारा मसाला इन सब को आपस में मिलाकर लड्डू जैसा बनाना है
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4) तुरंत आ माता की पूजा कैसे होती है–
तुरंता माता की पूजा को भी लोग दुरदुरिया पूजा के रूप में जानते हैं यहां पर हम आपको बता दें कि तुरंत आ माता की जो पूजा होती है उसमें सात सुहागिनी होती हैं अगर आप इकहरी कर रही हैं तो 7 अगर आप दोहरी करेंगे तो 14 सुहागने होंगे
आप सभी को यहां पर यह बता दें कि तुरंता माता की जो पूजा होती है वह तुरंत की जाती है उनकी पूजा में देरी नहीं की जाती है मानता पूरी होने के बाद और उसके साथ साथ या पूजा किसी भी समय की जा सकती है शाम होने के बाद नहीं सुबह शाम शाम होने से पहले या पूजा आप कर सकते हैं इस पूजा में केवल प्रसाद जो होता है आपके पास जो भी प्रसाद है चाहे गुड हो या फिर चाहे बर्फी है आप उस तरह से पूजा कर सकते हैं
अगर आपको यहां बताया गया विधि ना समझ में आई हो तो नीचे आपको हमने पोस्ट का लिंक दिया है आप जाकर वहां से पढ़ सकते हैं आप लोगों के लिए पहले ही लिख दिया है
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