आज हम आप सभी को चटपट मैया की पूजा कैसे करें और पूजा विधि के बारे में बताएंगे और हमने आप सभी को पिछले पोस्ट में चटपट माता की पूजा सामग्री और चटपट माता के गीत आप सभी को दिए अगर आपने उसको नहीं पढ़ा तो क्लिक करके उसको पढ़ सकते हैं
तो आज हम बात करने वाले हैं इसमें चटपटा माता की पूजा और चट देवी की पूजा विधि के बारे मे
चटपट माता पूजा विधि –
सबसे पहले हमें यह निर्णय लेना होगा कि हमको कितने सुहागिनों के साथ चटपट माता की पूजा करनी है सात सुहागिनों की या 14 सुहागिनों की चटपट माता की पूजा करनी है जितने लोगोंं की भी करनी है उन्हेंं 1 दिन पहले शाम को ही निमंत्रित कर दीजिए
और सुबह उठकर नहा धोकर जहां पर आपको माता रानी की पूजा करनी है उस स्थान को साफ कर ले गंगाजल हो तो उसका छिड़काव कर दें /वहां पर 7 या 14 लोगों का किनारे किनारे आसन लगा दे बैठने का और माता जी का आसन बीच में लगाएं/
उसके बाद आप सभी को चटपट माता की पूजा में लगने वाली सामग्री पता होनी चाहिए अगर आपको सामग्री नहीं पता है तो Click Here पर Click करके सामग्री जान ले
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चटपट मैया की पूजा कैसे करें —
उसके बाद जब सुहागिन आए तो उनके पैरों में लाल महावर आप लगाएं या कोई अन्य भी लगा सकता है और अधिकतर लोग लगाकर आती हैं तो उनको लगाने की कोई जरूरत नहीं है
फिर आसन पर एक चौका रखें उसके बाद सात मिट्टी की ढेली या 14 मिट्टी की ढेली रखें (जितने लोगों का हो )
और एक गाय के गोबर की गौरी भी ,इसे पान के पत्ते केेेेे ऊपर रखना है
फिर एक कलश में जल भर ले और उसमें गंगाजल भी मिला ले अगर हो तो और फिर उसमें आम की तेरी 7 या 14 पत्ते वाली ऊपर से लगा दे और एक कटोरी में चावल ले लें उसको भी ऊपर से सजा दें और यह सब करने के बाद घी बाती से दो दीपक तैयार करें और एक कलश के ऊपर सजा दें और दूसरा आरती के लिए थाली में रख लें
और थाली को फूलों से सजा लें
अब चौकी पर रखी गई गौरी माता के चारों ओर एक फूल का माला चढ़ा दें और दूसरा फूल का माला कलशे के ऊपर चढ़ा दें
उसके बाद माता जी को सिंदूर लगाकर और कलशे के पत्ते में और कलश को सिंदूर लगाकर सभी सुहागिनों को भी सिंदूर लगाएं / और फिर धूपबत्ती और कलशा का दीपक जला लें,उसके बाद घी और पेड़ा को मिलाकर अगियार किया जाएगा यह कंडी या तो आम की लकड़ी़ पर किया जाएगा,
उसके बाद पान का वीरा बनाकर माता जी को चढ़ाएं और उसके बाद सात सुहागिनों को भी दिया जाएगा /उसके
के बाद चूड़ी और बिंदी चढ़ाकर सभी सुहागिनों को भी प्रसाद रूप में चूड़ी और बिंदी लगाए पहना दें /
पेड़े का माता जी को भोग लगाएं जितनी सुहागिन हो बराबर बराबर उतनी ही जगह बांट लें
और फिर सुहागिने चटपट माता का गीत गाएंगे और चटपट माता की कथा कहेंगे
और अंत में चटपट माता की आरती होगी और फिर फेरी होगी , आरती दीपक के साथ-साथ कपूर भी जलना चाहिए
अगर आपको इसमें कुछ समझ में ना आया हो
तो आप नीचे क्लिक करके पूरी पूजा विधि
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