आज हम आपको बताएंगे कि अवसान माता की पूजा कैसे करें और सीखेगे अवसान मैया की पूजा विधि के बारे मे / अवसान मैया की पूजा सामग्री हमने आपको पिछले पोस्ट में दिया था अगर आप को नहीं पता है क्या क्या सामग्री लगेगी तो आप उसी पर क्लिक करके उस पोस्ट को पढ़ लें तो फिर यहां आए
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आप अवसान मैया की पूजा विधि जान ले 👇
अवसान माता की पूजा विधि —
सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि हम को कितने लोगों की दुरदुरिया करानी है 7 लोगों की 14 लोगों की अगर आप 7 लोगों की करा रही हो तो उसके हिसाब से सामग्री अगर आप 14 लोगों की करा रही हो तो उसके हिसाब से सामग्री ले ले |
अवसान मैया की पूजा सामग्री हमने आपको पिछले पोस्ट में दिया था
तो चलिए हमें जितने लोगों की दुरदुरिया करनी है हमको 1 दिन पहले शाम को उतनी ही सुहागिनों को निमंत्रित कर देना चाहिए फिर जिस दिन पूजा हो सुबह उठकर नहा धो के स्वच्छ वस्त्र धारण करके जहां पर पूजा करना है उस स्थान को साफ करने और गंगाजल छिड़क दें और अब किनारे किनारे सुहागिनों को बैठने के लिए आसन लगा दे और माता जी का आसन बीच में लगाएं लाल कपड़े पर चौकी रखकर
अवसान माता की पूजा कैसे करें –
अब जब सुहागिन आए तो सबसे पहले आप उनके पैरों में महावर लगाएं अगर वह लगा कर आई हूं तो कोई बात नहीं अब जितने लोगों का है उतनी ही मिट्टी की डेली और गाय के गोबर की गौरी 1 बना ले और पान के पत्ते पर सभी को सजाते हुए चौकी पर रख दें फिर उसके बाद आपको दो कलश जल लेना है एक कलश आप अपनी पूजा के लिए यूज करेंगे और दूसरा क्लास स्थापित करेंगे स्थापित करने वाले कलश में गंगाजल डालकर आम की तेरी 7 या 14 पत्ते वाली उसमें डालें और फिर एक कटोरी चावल उसके ऊपर से रख दे
अब इसके बाद आपको दो घी का दीपक तैयार करना है एक उस कलश के ऊपर रख देंगे दूसरे से आप आरती करेंगे अब कलश के ऊपर दीपक रखने के बाद आप चौकी को और कलश को फूल माला चढ़ाएंगे उसके बाद सिंदूर माताजी को लगाएंगे कलसे को आम की पत्ती को और फिर बारी बारी करके सभी सुहागिनों को लगाएंगे फिर धूपबत्ती चलाएं और कलशा पर रखा हुआ दीपक जलाएं और बिंदी भी चढ़ाएं और सभी सुहागिनों को भी लगाएं
उसके बाद आप घी और पेड़ा से कंडी या आम की लकड़ी पर अगियार करेंगे अब अदियार करने के बाद माताजी को पान का बीड़ा बनाकर चढ़ाएं और वह भी सभी सुहागिनों को दिया जाएगा अब यह करते हुए अपनी किसी सखी को बोल सकती हैं कि वह प्रसाद को बराबर बराबर भागों में बांटे जितने लोग हैं उनमें से आपको छोड़कर जो पूजा करवा रहा है क्योंकि सारी सुहागिन उसका कोछा भरती हैं अपने प्रसाद में से ही उसको प्रसाद देती हैं
अब उसमें जो कुछ हो माता जी को भी अर्पित करके एक दूसरे काम मिल कर कोछा भरें
उसके बाद सभी सुहागिन अपने हाथों से जो यह पूजा करा रहा है उसका कोछा भरें और फिर अब इस वक्त जो सुहागिन लोग हैं वह अवसान माता का कोछा भरने का गीत गाती हैं और उसके बाद अवसान माता की कहानी एक दूसरे को सुनाती हैंंऔर फिर अंत में अवसान माता की आरती करती हैं और आरती जो है घी और कपूर के साथ होगी
तो सखियों कुछ इस तरह से अवसान माता की पूजा की जाती है अगर आपको इसमें कुछ संदेह है तो आप नीचे क्लिक करके वीडियोस को भी देख सकते हैं और उसके बाद भी कोई समस्या है तो आप कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं
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