2023 सावन सोमवार व्रत कथा इन हिंदी || व्रत विधि

आज आप सभी को इस पोस्ट में बताएंगे 2023 सावन सोमवार व्रत कथा इन हिंदी || व्रत विधि || महत्व और उसके साथ ही साथ आप सभी को सावन सोमवार का व्रत क्यों करना चाहिए यह भी बताएंगे और सावन सोमवार व्रत में आपको क्या-क्या खाना चाहिए और किस तरह से सावन सोमवार में भगवान शिव की पूजा कैसे करनी चाहिए सारी चीजें आपको हम बताने वाले हैं चलिए शुरू करते हैं इस पोस्ट को सावन सोमवार की व्रत कथा से

 

पहला सावन का सोमवार 10 जुलाई 2023 को है सावन का महीना 4जुलाई से शुरू हो रहा है

 

 

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2021 सावन सोमवार व्रत कथा इन हिंदी  व्रत विधि  महत्व

 

 

सावन सोमवार व्रत कथा Lyrics–

 

एक समय की बात है किसी गांव में एक बुड्ढी अम्मा अपने बेटे के साथ रहती थी मां बेटे बहुत मेहनत मजदूरी करके अपना गुजारा करते थे एक बार बुड्ढी अम्मा के मन में विचार आया कि अब उसका पुत्र विवाह के योग्य हो गया है उसे अपने लिए बहू ले आनी चाहिए कुछ समय बाद बुड्ढी अम्मा ने अपने बेटे का विवाह एक सुशील कन्या से कर दिया उसकी बहू बहुत सुंदर सुशील और संस्कारी थी वह नित्य प्रति जल्दी उठकर घर की साफ सफाई करना आदि करती और भगवान शिव की पूजा घर में ही करती/

विवाह के कुछ समय बाद सावन का महीना आया बुड्ढी अम्मा की बहू भगवान भोलेनाथ की अनन्य भक्त थी उसके मन में यह विचार आया श्रावण के महीने में मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें अपने मन में आए विचार को अपनी सास के सामने प्रकट किया/

 लेकिन बुड्ढी अम्मा ने उसे मना कर दिया और कहां घर में ही पूजा कर लो मंदिर जाने से समय बर्बाद होगा/ इतने समय में घर का सारा काम हो जाएगा यह बात सुनकर बहुत उदास हो गई लेकिन कुछ नहीं कर सकी उदास होकर घर के कार्यों में लग गई उस दिन उसने अन्य जल ग्रहण नहीं किया /
 
अगले दिन बहू बाहर जल भरने गई तो रास्ते में उसने देखा गांव की दो लड़कियां पूजा की थाली लेकर मंदिर की ओर जा रही हैं उसने उन्हें रोका और पूछा तुम कहां जा रही हो तब लड़कियों ने कहा सावन का महीना आ गया है हम सब भगवान भोलेनाथ का पूजन करने मंदिर जा रहे हैं यह सुन वह फिर उदास हो गई,तो लड़कियाँ की आप उदास क्यों हो गई तो उसने कहा की मेरी सास उसे मंदिर जाने से मन करती है पर मै भी जाकर सावन सोमवार की पूजा करना चाहती हूँ
 
तो लड़कियां ने कहा आप फिक्र मत करो हर रोज इसी समय पानी भरने आना और हमारे साथ मंदिर चलकर भगवान शिव की पूजा कर उन पर जल अर्पित किया करो /
 
 
तो बहू ने कहा की मै घर से सावन सोमवार पूजा सामग्री लाऊंगी तो सांस को पता चल जाएगा सब लड़कियां बोली कोई बात नहीं आप हमारी पूजा की सामग्री से पूजन कर लेना यह सुनकर बहुत खुश हुई और रोज उनके साथ मंदिर जाने लगी जहां वह शिवलिंग पर जल चढ़ाती और भक्ति भाव से भोलेनाथ की पूजा करती और सावन सोमवार व्रत कहानी सुनती और शिव जी से कहती मैंने अपनी सास से यह बात छुपाई है इसके लिए मुझे क्षमा कर दीजिएगा /

 
ऐसी ही पूरा सावन का महीना बीत गया सावन के अंतिम दिन उसने सोचा पूरा महीना मैंने इन लड़कियों की पूजन सामग्री से पूजा करी है आज तो मुझे कुछ भोलेनाथ को अर्पित करना ही चाहिए ऐसा सोचकर उसने अपनी नाक से सोने की नथ उतारी और उसे धोकर शिवलिंग पर अर्पित कर दिया और पूजा कर घर आ गए घर जाकर वह अपनी सास से बचती रही क्योंकि वह जानती थी कि उसकी नाक में नथ ना देखकर सास जरूर पूछेगी की नथ कहां गई ऐसे ही दोपहर हो गई तभी अचानक सांस की नजर उसकी नाक पर गई /
 
और नाक में नथ न देखकर सास ने पूछा बहू तुम्हारी नथ कहां है तो वह बोली मां जी मुझे नहीं पता शायद कहीं गिर गई होगी सास बोली अच्छा तो यह बताओ कि तुम आज कहां कहां गई थी वही जाकर ढूंढ लेंगे बहू बोली में बस पानी भरने गई थी तब तक तो मेरी नाक में नग थी इसके बाद में उपले थापने गई थी/
 
सास बोली चलो वही चल कर देखते हैं दोनों वहां पहुंचे जहां बहू उपले थापने गई थी सास ने बहू से कहा चलो अभी उपले तोड़कर देखते हैं दोनों सास और बहू उपले तोड़ने में लग गई जैसे ही दोनों ने उपले तोड़े दोनों के उपले में एक एक नग निकली सास बोली नग तो एक ही थी यह दो कैसे हो गई इसके बाद सास ने एक-एक कर सारे उपले तोड़ने शुरू कर दिए अब सास उपले तोड़ती जाए और उन सब में से नग निकलती जाए सास ने बहू की ओर देखा और पूछा यह सब क्या है
 
तब बहू ने सास से क्षमा मांगते हुए सारी बात उसे बता दी और कहा यह भगवान शंकर का आशीर्वाद है आज मैंने सावन की समाप्ति पर उन्हें अपनी नाक का नग अर्पित की थी और उन्होंने मुझे इतनी सारी नथ वापस कर दी सास बहू की बात सुनकर बहुत खुश हुई/
 
और सास ने कहा जब सावन माह का महत्व इतना है तो अगले साल हम दोनों मिलकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएंगे और पूजा पाठ करेंगे अगला सावन आने पर दोनों सास-बहू ने नियम से सावन का स्नान किया पूजा-पाठ जप तप किया भगवान भोलेनाथ की कृपा से छोटी अम्मा का घर अन्य धन के भंडार से भर गया बहू को एक सुंदर पुत्र मिला /
 
जैसी कृपा भोलेनाथ ने बुड्ढी अम्मा और उसकी बहू पर करी वैसे ही इस कहानी कहते सुनते और हुंकार भरते सब पर करना /
 
जय भोलेनाथ
 
सावन सोमवार व्रत कथा इन हिंदी

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सावन सोमवार महत्व–

सावन सोमवार क्यों रहते हैं?

माना जाता है कि श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना करने का समय होता है इस मास शिव जी की पूजा व्रत रखा जाता है और भगवान शिव अपने भक्तों को मनवांछित फल देते हैं व्रत के दौरान फलाहार कर सकते हैं

भगवान शिव की पूजा बेलपत्र भांग धतूरा दूध दही आदि से पूजा की जाती है सूर्य उठने से पहले उठे और उठने के बाद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करके शंकर भगवान को जल अर्पित करने की विधि विधान से पूजा पाठ करें 

 

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सावन सोमवार व्रत विधि–

श्रावण मास व्रत में क्या-क्या खाना चाहिए —

सोमवार के व्रत में साबूदाना की बनी चीजे खा सकते हैं सिंघाड़े के आटे का बना पराठा हलवा बर्फी इत्यादि आप कर सकते हैं हरी सब्जी व्रत में जैसे लौकी खीरा टमाटर कच्चा केला आदि खा सकते हैं इस व्रत में आलू से बनी हुई चीजें आप पा सकते है

 

श्रावण मास में क्या क्या नहीं खाना चाहिए–

 

 श्रावण मास में मनुष्य को फल की प्राप्ति करने के लिए हरी सब्जियों से दूर रहना चाहिए और सावन के संपूर्ण महीने में हरी सब्जी नहीं खाना चाहिए क्योंकि इस महीने में हरी सब्जी का सेवन करना उपवास करने वालों को फल की प्राप्ति होती है और इस माह में दूध भी नहीं पीना चाहिए ऐसा माना गया है 

 
सावन में शिव जी को कैसे खुश करें–
 

 शिव जी को खुश करने के लिए शिवलिंग पर जलाभिषेक करें इसके बाद कम से कम 51 या 108 बेलपत्र अक्षत धतूरा फूल भांग आप उन पर चढ़ा सकते हैं और इसके बाद शिव चालीसा का पाठ और फिर शिव जी की आरती करें इसके बाद शिवजी के 81 नामों का जाप कर ले तो और अच्छा होगा 

 

श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा कैसे करें-

 सबसे पहले प्रार्थना काम उठकर उठ कर सभी कर्मों से निवृत्त होकर स्नान करें स्वच्छ वस्त्र धारण करें और फिर जहां पर आपको पूजा पाठ करना हो आप सफाई करें गंगा जल छिड़कने के बाद और फिर वहां पर भगवान शिव को स्थापित करें और फिर इसके बाद शिवलिंग को चंदन लगाएं तिलक लगाएं

और इसके बाद भगवान शिव को सुपारी बेलपत्र नारियल धतूरा फल फूल इत्यादि आप भगवान को अर्पित कर सकते हैं और साथ ही शिवलिंग पर आप दही दूध घी और मधु भी अर्पित कर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर सकते हैं और फिर भगवान के 81 नामों का जाप करें और अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ समस्याएं हैं तो भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर ले / 

 

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